गुरुवार, 8 जून 2023

460-वो फिर से आएँगे

 डॉ. कविता भट्ट 'शैलपुत्री'


2 टिप्‍पणियां:

  1. स्मृतियाँ व्यथितभी करती हैं,सपने भी जिंदा रखती हैं।सुंदर कविता।डॉ. कविता जी को बधाई।

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