सर्दी के हाइकु
1
उसने धूप ।
2
स्पर्श तुम्हारा
भिखारी को कम्बल
शीत-प्रतीक्षा।
3
तुम्हारा प्रेम-
गरीब को अलाव
मात्र सहारा।
4
कभी तो चखो
सर्दी में हलुवे -सी
मेरी प्रीत है॥
5
तुम्हारा आना
सर्दी में लिहाफ-सा
साँसें दहकी।
6
छीन न लेना
एक ही लिहाफ है
तेरी प्रीत का।
7
शीतनिशा है
जीवन का संघर्ष
तू रवि- रश्मि॥
8
करवा चौथ
मैं हूँ प्रतीक्षारत
तुम हो चाँद।
9
हुआ विलम्ब
तुम्हें आने में प्रिय
श्वेतकेशा मैं।
10
जीवन भर
अँगीठी -सी सुलगी
मन क्यों सीला।
-०-
आपके हाइकु पढ़कर मन अभिभूत हो गया। शब्द अपने आप में निर्जीव होते हैं।कुशल शब्द शिल्पी का स्पर्श पाकर जैसे शिलाखण्ड मोहक मूर्ति का जीवंत रूप धारण कर लेता हैं , उसी प्रकार ।आपने कम्बल ,अलाव,हलुवा ,लिहाफ़,अँगीठी के नायाब प्रयोग किए हैं । उपमान योजना में साधारण और प्रचलित शब्दों को लिया और उन पर मोतियों की आब दे दी। आज आपके दसों हाइकु का भाव और शिल्प सौन्दर्य हृदयस्पर्शी बन गया है ।]
जवाब देंहटाएंहार्दिक आभार, महोदय, आपका आशीर्वाद बना रहे।
जवाब देंहटाएंसुंदर हाइकु कविता जी
जवाब देंहटाएंहार्दिक आभार अनिता जी
जवाब देंहटाएंबहुत रचनात्मक
जवाब देंहटाएंकविता जी के हाइकू १० -सवा लाख के समान हैं |
जवाब देंहटाएंइनके हर शब्द एक नयी जान है |
जीवन के कटू सत्य के निशान हैं ,
कविता की सच्ची पहचान है |
बार -बार पढने को मन करता है - श्याम त्रिपाठी हिन्दी चेतना
महोदय, प्रणाम। आपका आशीर्वाद मेरी ऊर्जा है। सदैव आशीष बनाये राखिएगा। हार्दिक आभार।
हटाएंमहोदय, प्रणाम। आपका आशीर्वाद मेरी ऊर्जा है। सदैव आशीष बनाये राखिएगा। हार्दिक आभार।
जवाब देंहटाएंमन मुग्ध करते सुंदर हाइकु ।बहुत-बहुत बधाई आपको।
जवाब देंहटाएंबहुत ही भावपूर्ण हाइकु।
जवाब देंहटाएंनमन आपकी लेखनी को
Bhavpurn haiku bahut bahut badhai...
जवाब देंहटाएंबहुत ही प्यारे तथा भावपूर्ण हाइकु रचे हैं कविता जी
जवाब देंहटाएंबहुत -बहुत बधाई आपको !
आप सभी को सादर धन्यवाद।
जवाब देंहटाएंआप सभी का हार्दिक आभार
जवाब देंहटाएंसुन्दर रचना कर्म
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर हाइकु, सभी भावप्रवण! बधाई कविता जी.
जवाब देंहटाएंसुंदर सच्चे भाव बधाई
जवाब देंहटाएंबहुत ही सुंदर हायकु
जवाब देंहटाएंअत्यंत उत्कृष्ट सृजन आद. कविता जी 💐🌹🙏
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