‘लोकमत समाचार’ दैनिक के दीपावली के उत्सव प्लस विशेषांक( कला एवं साहित्य)
में मेरी चार लघुकथाओं को भी स्थान दिया ,इसके लिए मैं सम्पादक श्री विकास मिश्र एवं प्रकल्प सहयोगी श्री हेमधर शर्मा
और श्री स्वप्निल जैन की हृदय से आभारी हूँ। आशा है इस विधा का मेरा यह प्रथम प्रयास आपको पसन्द आएगा
डॉ.कविता भट्ट
समाज की विभिन्न कुरूपताओं को आपने बड़ी तीव्रता से महसूस किया और अपनी लघुकथाओं का विषय बनाया । विद्रूपताओं पर कड़ा प्रहार किया। कथ्य को तीव्रता के सतह प्रस्तुत करने में आपको पूरी तरह सफलता मिली है। हार्दिक बधाई कविता जी
जवाब देंहटाएंअच्छी लघुकथाएँ । जीवन की सच्चाई दर्शाती हुई । आपके भीतर बैठे लघुकथाकार का स्वागत है ।शुभाशीष लें ।
जवाब देंहटाएंक्या कहना पूरी की पूरी व्याख्या इस तथाकथित धार्मिक समाज की।
जवाब देंहटाएंआप सभी स्नेहीजन का हार्दिक आभार, नमन।
जवाब देंहटाएंचिराग तले अँधेरा।यथार्त को बयाँ करती सुन्दर कहानियाँ।
जवाब देंहटाएंसभी लघुकथाएँ बहुत अच्छी। अच्छे विषय चुने हैं।
जवाब देंहटाएंआप सभी को हार्दिक धन्यवाद
जवाब देंहटाएंहार्दिक आभार आप सभी का
जवाब देंहटाएंबहुत बधाई कविता जी.
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत बधाई कविता ।
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