बुधवार, 26 सितंबर 2018

80-घुँघरी

डॉ.कविता भट्ट








11 टिप्‍पणियां:

  1. विस्तृत सुंदर समीक्षा
    पढ़ने की लालसा जगाती

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  2. घुँघरी की बहुत सुन्दर समीक्षा की है काम्बोज भाई ने. पुस्तक मेरे पास है पर समयाभाव के कारण पढ़ नहीं पाई परन्तु समीक्षा पढ़कर पढ़ना शुरू कर रही हूँ. बहुत बहुत बधाई कविता जी को. सुन्दर समीक्षा के लिए काम्बोज भाई को बधाई.

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  3. बहुत सुन्दर , सारगर्भित !
    हार्दिक बधाई !

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  4. पढ़कर लगा कि कुछ पढा है। बहुत ही सुंदर।

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  5. सुन्दर आलेख। समीक्षा पढकर पुस्तक पढने की ललक पैदा होती है ।

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  6. बहुत ही अच्छी समीक्षा निःसन्देह पुस्तक बहुत ही अच्छी होगी ।
    आपको और कविता जी दोनों को हार्दिक बधाई
    इंतजार है मुझे भी इस पुस्तक का

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  7. आपकी समीक्षा ललक जगाती है कि पुस्तक पढ़ी जाए। बहुत विस्तार से और भावपूर्ण लिखा है आपने। कविता जी को बधाई और आपको भी बहुत बधाई ।

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  8. एक अच्छी पुस्तक की बेहद सार्थक समीक्षा के लिए आप दोनों को ढेरों बधाई...|

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  9. आप सभी को सादर नमन, उत्साहवर्धन हेतु हार्दिक आभार। आदरणीय काम्बोज जी ने यह सारगर्भित समीक्षा की इसके लिए उन्हें सादर धन्यवाद। शोध दिशा में स्थान प्रदान करने हेतु आदरणीय अग्रवाल जी को सादर धन्यवाद।

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  10. बहुत सुंदर सार्थक समीक्षा.....आपको और कविता जी को बहुत-बहुत बधाई।

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