कम से कम शब्दों में भावों का पूरा संसार समेट लेना काव्य की सार्थकता है .कामनाओं का साम्य लहलहाती फसल से करना बहुत ही सार्थक उपमान का प्रयोग है .फसल पर जब ओलावृष्टि हो जाए , तब किसान की विवशता कितनी दर्दनाक होती है ,इसे भुक्तभोगी ही समझ सकता है . आपने इसको बहुत भावपूर्ण विधि से प्रस्तुत किया है !! हार्दिक बधाई
कम से कम शब्दों में भावों का पूरा संसार समेट लेना काव्य की सार्थकता है .कामनाओं का साम्य लहलहाती फसल से करना बहुत ही सार्थक उपमान का प्रयोग है .फसल पर जब ओलावृष्टि हो जाए , तब किसान की विवशता कितनी दर्दनाक होती है ,इसे भुक्तभोगी ही समझ सकता है . आपने इसको बहुत भावपूर्ण विधि से प्रस्तुत किया है !! हार्दिक बधाई
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर सार्थक लेखन।
जवाब देंहटाएंबहुत कुंछ कह दिया आपने इन क्षणिकाओं में। सुंदर सृजन, हार्दिक बधाई।
जवाब देंहटाएंहार्दिक आभार आप सभी की समीक्षात्मक एवं आत्मीय टिप्पणियों हेतु।
जवाब देंहटाएंBahut hi sundar likhna hai apne Dr-Kavita Bhatt Ji
जवाब देंहटाएंआप सभी का हार्दिक आभार
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