शुक्रवार, 18 फ़रवरी 2022

330-तुम्हारी प्रीत

 रश्मि विभा त्रिपाठी 'रिशु'





7 टिप्‍पणियां:

  1. अकाल में एक पावस की बूँद सी यह कविता भी है। भावपूर्ण ,हृदयस्पर्शी। काम्बोज

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  2. अत्यंत सुंदर सृजन रश्मि जी... 🌹💐💐🌹

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  3. सुन्दर रचना, हार्दिक शुभकामनाएँ ।

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  4. बहुत सुंदर भावपूर्ण रचना

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