1-डॉ.कविता भट्ट 'शैलपुत्री'
2-परमजीत कौर 'रीत'
1
सिंदूरी सूर्य
धरा को रँगकर
खेलता फाग
सिंदुरि सुर्ज
पिर्थी रंगै कैं बल
खेलदु फाग
2
निशा- चूनरी
चन्द्रमा रँगरेज
चाँदनी रँगे
रात च चुन्नी
जून रंगण वाळि
जुनाळि रंगु
3
पूर्णिमा-चाँद
सागर-मन ज्वार
कल्पों का नेह
पूर्णिमैं जून
समोद्र मन ज्वार
कलप्वी माया
बहुत अच्छी रचना है...। बधाई
जवाब देंहटाएंबधाई परमजीत रीत व शैलपुत्री जी। अच्छी रचनाएं
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर रचनाएँ!
जवाब देंहटाएंप्रिय डॉ.कविता भट्ट 'शैलपुत्री जी एवँ परमजीत जी को हार्दिक बधाई।
नीलांबरा एवं आपका हार्दिक आभार।
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