बुधवार, 8 जून 2022

363-दोष दें पर्यावरण को

राजीव रत्न पाराशर कैलिफोर्निया


 है प्रदूषण आचरण में

दोष दें पर्यावरण को।

 


प्रीति का गिरता जलस्तर

कामना के कुएँ सूखे,

शुष्क शोणित उष्ण मरु सम

आँख में हैं भाव रूखे,

मलिनता मस्तिष्क में रख

इत्र से धोएँ चरण को।

है प्रदूषण आचरण में

दोष दें पर्यावरण को॥

 

भरा नीयत मे धुआँ

निष्ठा नियम में धुंध है,

मैल है मन में, निकासी

द्वार सारे बंद हैं,

दाग दामन के छुपाते

ओढ़ झूठे आवरण को।

है प्रदूषण आचरण में

दोष दें पर्यावरण को॥

 

वृक्ष व्यवहारों के काटें

खेत रिश्तों के जलाएँ,

पराबैंगनी किरण छल की

ग्रहण शुचिता को लगाएँ,

दृष्टि दूषित, उग्रता उन्मुख है

उर के अधिग्रहण को।

है प्रदूषण आचरण में

दोष दें पर्यावरण को॥

सोमवार, 6 जून 2022

361-माँ

 नितिन ओसवाल

 

माँ की छाँह मिले तो जग का


हर आतप भी शीतल है
,

जीवन राह में चलते थक गए,

विश्राम माँ का आँचल है,

 

बच्चों के हर दुःख को जिसने,

अपना समझ स्वीकार किया,

अपने हिस्से की हर ख़ुशी को,

बच्चों पर ही वार दिया,

बुरी नज़र से बचाये हरदम,

वो नयनों का काजल है,

विश्राम माँ..

 

पत्थर तोड़े कड़ी धूप में,

कटु अनुभव भी सहन किए,

भूखा सोए न बेटा कभी भी,

जल से क्षुधावेद शमन किए,

तन मैला हो कितना भी माँ,

मन से सबसे प्रांजल है,

विश्राम माँ...

 

अपने तन का वस्त्र बनाकर जिसने

लाल को आराम दिया,

बड़े होने पर उसी बच्चे ने,

वृद्धाश्रम का इनाम दिया,

वहाँ से भी देती हैं दुआएँ,

माँ सचमुच में पागल है,

विश्राम माँ...

 

चिंता स्वयं की की कभी ना,

बच्चों की चिंता में बीमार हुई,

अपना लुटाया सर्वस्व उसने,

चाहे तनमन से लाचार हुई

स्नेहजल से जो सींचे हरपल,

माँ ममता का बादल है,

विश्राम माँ...

 

कहती है दुनिया ये सारी,

मनु तन पुण्य से उपजा है,

कोख बिना ये असंभव था,

प्रभु पर भी माँ का क़र्ज़ा है,

शब्द नहीं जो गुण गायें,

माँ से न कोई निर्मल है,

विश्राम माँ का आँचल है।।

-0- नागपुर (महाराष्ट्र)

 

बुधवार, 1 जून 2022

360-डॉ कविता भट्ट के व्याख्यान का विवरण

 

डॉ.कविता भट्ट 'शैलपुत्री

जैव प्रौद्योगिकी विभाग भारत सरकार की ऑफिशियल वेब पर डॉ. कविता भट्ट के व्याख्यान का डिटेल अपलोड। आप सबको अवलोकन हेतु  निम्न लिखित लिंक-

जैव प्रौद्योगिकी विभाग भारत सरकार