रविवार, 7 अगस्त 2022

380-प्रयत्न

 

राजीव रत्न पाराशर (केलीफोर्निया)

 

 सम्भावना हर स्वप्न को साकार कर देगी। 


प्रेरणा,कौतुक का,  आविष्कार कर देगी॥

 

हर मर्म का संकोच, मीमांसा रही होगी

समाधान का स्रोत जिज्ञासा रही होगी

उत्तर उन्हीं को प्राप्त जिनके प्रश्न थे पर्याप्त

खोज की  पतवारनैया पार कर देगी। 

 

उत्सुक विधा, परिपक्व का जब साथ पाएगी। 

थाम कर उँगली  अतुल उत्साह  पाएगी। 

बस मार्गदर्शन चाहि मौलिक विचारों को

फिर स्वतः प्रज्ञा भी उन्हें स्वीकार कर देगी

 

प्रश्न को सम्मान दें, अधिभार ना कर दें। 

ज्ञान को विस्तार दें, व्यापार ना कर दें। 

जब सभी उपलब्धियाँ सबको सुलभ होंगी

तब सफलता प्रयत्न को नमस्कार कर देगी।

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