मंगलवार, 4 अक्टूबर 2022

394-अन्तरराष्ट्रीय संगोष्ठी

 







6 टिप्‍पणियां:

  1. वास्तवमें अत्यंत सुंदर एवं सार्थक आयोजन था 🌹🙏आद. श्री काम्बोज जी केवल हमारे लिए मार्गदर्शक अथवा प्रेरणा नहीं, वह मानवीयता की प्रतिमूर्ति हैं एवं भारतीय भाषा-साहित्य-संस्कृति को समृद्ध करती उनकी लेखनी अनन्य अद्वितीय है । आपका व्यक्तित्व सदैव पाठकों के लिए सूर्य सा चमकता रहे। प्रणाम सर 🌹🙏

    जवाब देंहटाएं
  2. बहुत ही सार्थक विषय । आज के समय में साहित्य के विद्यार्थियों पाठको शोधार्थियों के लिए ऐसे प्रेरणास्रोत व्यक्तित्व को जानना आवश्यक है।

    जवाब देंहटाएं
  3. विषय एवम भाषा नवनिर्माण एवम नवविचार की पुष्टी करते है आगामी विषय भी सार्थक एवम समसामयिक ही हो।

    जवाब देंहटाएं
  4. सारगर्भित, ज्ञानवर्धक व्याख्यान

    जवाब देंहटाएं
  5. बहुत ही सारगर्भित कार्यक्रम। सफल आयोजन के लिए बधाई

    जवाब देंहटाएं
  6. उत्कृष्ट आयोजन रहा।
    सारगर्भित व्याख्यान रहे। ऐसे प्रेरणास्रोत व्यक्तित्व के विषय में विस्तृत रूप से जानने का अवसर शोधार्थियों के लिए निश्चित ही अत्यंत महत्वपूर्ण है।

    जवाब देंहटाएं