बुधवार, 23 मार्च 2022

338-पत्थर के आँसू

 डॉ.कविता भट्ट 'शैलपुत्री' 


3 टिप्‍पणियां:

  1. बहुत सुन्दर एवं भावपूर्ण कविता।
    हार्दिक बधाई आदरणीया दीदी को 💐🌷
    सादर

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  2. वाहहहह।अति उत्तम 👌💐💐🙏

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  3. वाह्ह्ह... अत्यंत हृदयस्पर्शी... संवेदनशील रचना आद. कविता Mam 🙏🌹🌹🌹🙏

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