मंगलवार, 22 सितंबर 2020

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1-डॉ. कविता भट्ट 'शैलपुत्री'

1

इक बार चले आओ                   तुमसे लिपटूँगी

अब आस फले आओ।

2

खुशबू बनके रहना

मन के आँगन में

वासंती -सा बहना।

3

जब से तुम आए हो

जीवन है बगिया

माली -से भाए हो।

-0-

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