सोमवार, 27 जून 2022

367-हुई दुपहरी जीवन की

 डॉ.कविता भट्ट 'शैलपुत्री'


5 टिप्‍पणियां:

  1. प्रेम और वेदना की सघन अनुभूति।सुंदर कविता

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  2. गहन प्रेम, विरह की भावपूर्ण, सुंदर अभिव्यक्ति।

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  3. वाहह... अति सुंदर भाव... सार्थक सृजन Mam 🌹💐🙏

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  4. महादेवी जी के काव्य की करुण क्रंदन की छवि कविता जी की रचनाओं में भी है.

    वही गहरी पीर ..
    वही शुद्ध तत्सम शब्दावली ...
    शब्दों और भावों
    कितना सुंदर संयोजन ...
    कविता की कविता ने भावविह्वल कर दिया..

    💐💐💐💐💐

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  5. प्रेम के गीत और प्रिय का प्यारा साथ हो तो फिर जीवन सरल बन जाता है
    बहुत सुन्दर

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