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मंगलवार, 22 नवंबर 2022

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 डॉ. कविता भट्ट 'शैलपुत्री'


1 टिप्पणी:

  1. हो तुम कौन
    प्रेयसी प्रिय की या
    कर्मयोगिनी मौन

    वाह! बहुत सुन्दर, भावपूर्ण चोका।
    हार्दिक बधाई आदरणीया दीदी

    सादर

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