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शनिवार, 23 अप्रैल 2022

347- पुस्तक

 डॉ.कविता भट्ट 'शैलपुत्री'

(विश्व पुस्तक-दिवस पर )

मात्र एक देह नहीं,

अनंत ब्रह्मांडीय ऊर्जा युक्त


प्राण है - पुस्तक।

ब्रह्म, चेतना अथवामात्र एक देह नहीं,

अनंत ब्रह्मांडीय ऊर्जा युक्त

प्राण है - पुस्तक।

ब्रह्म, चेतना अथवा

आत्मा है - पुस्तक

जो अभिव्यक्त करती है

शब्द- सृष्टि के द्वारा

ब्रह्म के विराट स्वरूप को।

देह में अंतर्निहित होते हैं -


पंच महाभूत -

अग्नि, जल, पृथ्वी, आकाश और वायु

किंतु सोचो, यदि ना हो

पंच तन्मात्र - रूप, रस, गंध, शब्द और स्पर्श

तो महाभूत का क्या अस्तित्व?

पुस्तक में उल्लिखित अक्षर

और अक्षरों से निर्मित शब्द

ब्रह्म अर्थात् परम चेतना हैं।

प्राणवान - आत्म प्रतिष्ठित पुस्तक

ब्रह्म और सृष्टि - दोनों ही है।

व्यक्ति पर निर्भर है कि

वह इसे देह मानता है

अथवा चेतना - ब्रह्म - आत्मा

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5 टिप्‍पणियां:

  1. बहुत सुंदर सृजन।
    हार्दिक बधाई आदरणीया दीदी को🌷💐

    सादर

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  2. पुस्तक का उत्कृष्ट मानवीयकरण

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  3. बहुत सुन्दर पुस्तक का बेहतरीन मानवीयकरण वाह
    हार्दिक बधाई स्वीकारें आदरणीया पुस्तक दिवस पर सुन्दर पुस्तकीय सृजन हेतु

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  4. अति सुंदर सृजन...हार्दिक बधाई आपको।

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  5. अति सुंदर वर्णन कविता Mam 🌹🙏🌹

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