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रविवार, 13 मार्च 2022

337-दूर पहाड़ी गाँव में साँझ

 डॉ.कविता भट्ट 'शैलपुत्री'   

 (मेरी  और अधिक कविताएँ  पढ़ने के लिए मेरे ऊपर दिए गए  नाम पर क्लिक कीजिए)



2 टिप्‍पणियां:

  1. बहुत ही सुन्दर, भावपूर्ण रचना।
    हार्दिक बधाई आदरणीया दीदी 💐🌷

    सादर🙏

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  2. दूर पहाड़ी गाँव में साँझ बहुत ही मार्मिक कविता है, जिसमें गाँव की व्यथा-कथा अनुस्यूत है।

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