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मंगलवार, 25 अगस्त 2020

160-अधरों से प्यार लिख दो


 

डॉ.कविता भट्ट 'शैलपुत्री

मेरी हथेली पर तुम अधरों से प्यार लिख दो,

समस्त आकाश-गंगाओं का संसार लिख दो।

कामनाएँ मुखर- अब यों सिसकती न छोड़ो,

मधुरगीतों के गुंजन व नित प्रसार लिख दो।

प्रियतम! आँखें मूँद- बाँचूँगी उम्रभर इन्हें ही,

तुम यह ढाई अक्षर का जीवन सार लिख दो।



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