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बुधवार, 7 नवंबर 2018

89-प्रेम-दीप बन जाना


3 टिप्‍पणियां:

  1. 'इस बार मुझे ले आलिंगन में , विरह -व्यथा हर हर जाना !' नए भावबोध की पंक्तियाँ ! कविता जी ! बधाई !

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  2. "तुम नेह ताप से अहं जलाना.."
    अति सुंदर कविता जी

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