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मंगलवार, 13 मार्च 2018

वैयक्तिक अनुशासन के लिए महत्त्वपूर्ण यौगिक नियम

 हरिगंधा मार्च -2018 

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 हरिगंधा मार्च -2018

4 टिप्‍पणियां:

  1. सरल भाषा में योग जैसे दुरूह विषय को प्रस्तुत किया और जन सामान्य के लिए बोधगम्य बना दिया , यह इस लेख की सफलता है। बहुत बधाई कविता जी

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  2. हार्दिक धन्यवाद महोदय। आत्मीयता में नैरंतर्य रहे।

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  3. उत्तम लेख । योग को स्थूल रूप तक सीमित न करके आचरण से जोड़ना अनिवार्य है। इस प्रक्रिया को आपने सरल भाषा में अभिव्यक्त किया है। आचरण से जोड़ने को यदि प्रार्थमिकता दी जाए, तो योग बहुत सारी सामाजिक विषमताओं और विडम्बनाओ को दूर कर देगा। आपका लेख बहुत सराहनीय है।

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  4. हार्दिक आभार आपके अंतस्थ में विराजमान संचेतन पाठक एवम समीक्षक को नमन।

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