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मंगलवार, 6 दिसंबर 2022

409-खामोशी भी पिघले

डॉ. कविता भट्ट 'शैलपुत्री'


6 टिप्‍पणियां:

  1. भावपूर्ण चोका। सचमुच रिश्तों की ठिठुरन नेह से ही दूर हो सकती है। उत्तम प्रस्तुति!

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  2. सुन्दर सृजन Mam... सुन्दर उपमाएँ भी 🌹🙏😊

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  3. बहुत ही सुंदर, भावपूर्ण चोका।
    आदरणीया दीदी को हार्दिक बधाई।

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  4. सुंदर चोका कविता जी
    *तेरा प्यार है अदरक की चाय, मीठी चुस्कियाँ*
    वाह बहुत सुंदर !

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