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सोमवार, 31 जनवरी 2022

324-गुलाबी सपने

 डॉ.कविता भट्ट 'शैलपुत्री'



8 टिप्‍पणियां:

  1. व्यवस्था का नंगा सच बयान करती लघुकथा। साधुवाद आपको।

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  2. भ्रष्ट तंत्र के विरुद्ध संघर्ष चेतना को जागृत करती सुंदर लघुकथा।शीर्षक बहुत ही प्रतीकात्मक।बधाई।

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  3. भ्रष्टाचार के विरुद्ध संघर्ष की अलख जगाती इस लघुकथा के लिए बहुत बधाई

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  4. ये कहानी मैंने पहले भी कहीं पढ़ी है। भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज बुलंद करने वाली कहानी के लिए बहुत बधाई।
    @ डॉ हरदीप सन्धु

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  5. बहुत बढ़िया लघुकथा...बहुत-बहुत बधाई।

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  6. अति सार्थक अभिव्यक्ति...लेखनी से अधिक प्रभावी कुछ नहीं होता... कदाचित परिवर्तन आ पाए.... अति सुंदर आद. कविता जी 🙏🌹🙏🌹

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