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शुक्रवार, 2 अप्रैल 2021

207-पीढ़ियाँ बाँचेंगी

 डॉ.कविता भट्ट 'शैलपुत्री'



3 टिप्‍पणियां:

  1. हृदयस्पर्शी अभिव्यक्ति।भावनाओं से भरी।कई सारे विचार एक ही आधार में।बहुत बहुत प्यारी रचना है आपकी।💐

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  2. बहुत सुंदर मन के भावों की स्पष्ट अभिव्यक्ति सुंदर आह्वान
    पढ़कर लगा कि कोई मुझे ही इंगित कर रहा है भाव ह्रदय तक जब पहुंच जाते है काव्य की यही सफलता होती है बहुत बहुत बधाई आपको

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