tag:blogger.com,1999:blog-1540938401923248110.post8612484482065422544..comments2024-03-18T17:43:31.772+05:30Comments on नीलाम्बरा: बुरांस शैलपुत्रीhttp://www.blogger.com/profile/14996832470377693832noreply@blogger.comBlogger1125tag:blogger.com,1999:blog-1540938401923248110.post-16702227124758718442019-04-03T19:34:55.548+05:302019-04-03T19:34:55.548+05:30बुरांस के फूल किसी की मेहनत के मोहताज नहीं अपनी जि...बुरांस के फूल किसी की मेहनत के मोहताज नहीं अपनी जिजीविषा के सहारे बचाए हुए हैं अपना जीवन पर्वतीय बाशिन्दों की तरह सुंदर रचना <br />हे मेघों भी सुंदर रचना है मेघों के फटने से मची तबाही जीवन कठिनता की पराकाष्ठा पर मजबूर हो पलायन करना जीवन के लिए मेघों के माध्यम से जीवन को सरलता से जीने की प्रार्थना का सुंदर नमूना पेश किया है दोनों रचनायें सुंदर है डॉ प्रकाश लखेड़ा जी को बधाईबाबूराम प्रधानhttps://www.blogger.com/profile/09273585103896571598noreply@blogger.com