शनिवार, 5 नवंबर 2022

398-भूरी पुतलियों -से बादल

 डॉ. कविता भट्ट 'शैलपुत्री'


3 टिप्‍पणियां:

  1. वाह्ह्ह वाह्ह... निःशब्द करती अत्यंत सुन्दर मन को सिक्त करती कविता... 🌹🙏🙏🙏💐💐💐💐वाह्ह

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  2. वाह,बहुत सुंदर उपमाएँ,मन सचमुच कह उठता है आएँगे कब और कैसे बादल।

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