सोमवार, 12 अप्रैल 2021

213-समीक्षा

 


2 टिप्‍पणियां:

  1. किताब में रुचि जगाने वाली शानदार समीक्षा।

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  2. बहुत सहज ढंग से की गई समीक्षा'सूखे आँसू'के कथ्य एवं शिल्प का सम्यक परिचय देती है तथा कृति को पढ़ने की जिज्ञासा जगाती है।श्याम त्रिपाठी जी को आत्मकथा हेतु बधाई।कविता जी को सुंदर समीक्षा हेतु बधाई।

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